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Sun 14 Aug 2022

10:00 AM - 11:00 AM (UTC+5)

स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव कवि गोष्ठी

INDICA USA प्रस्तुत करता है 

आज़ादी का अमृत महोत्सव 

कवि गोष्ठी

तिथि: रविवार, १४ अगस्त २०२२ 

समय: प्रातः १० बजे (CST), संध्या ८:३० (IST)

भारत की अंग्रेज़ी उपनिवेशवाद से स्वतंत्रता कई मायनों में एक खट्टा-मीठा अनुभव है। जहाँ सदियों की ग़ुलामी – इस्लामी और अंग्रेज़ी – की ज़ंजीरों को तोड़कर स्वराज स्थापित करने का उल्लास था, वहीं भारत की देवभूमि के खंडित होने का अवसाद भी। विभाजन की विभीषिका में कइयों के घर-द्वार उजड़े, तो कइयों के मीत और कुटुम्ब छूटे। लाखों की जान गई सो अलग। जो खुश थे उनमें से कइयों को तो यह भ्रम भी हो चला कि भारत जैसे सनातन राष्ट्र का जन्म १५ अगस्त १९४७ को ही हुआ।

ख़ैर, आज जब हम भारत गणराज्य की स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो इन सब बातों पर अपनी दृष्टि डालना और मनन करना लाज़मी है। इसी उद्देश्य को धायन में रख हम आपके समक्ष एक कवि गोष्ठी ले कर आए हैं। इस सम्बंध में यह हमारा प्रथम प्रयास है। आशा है हम आपकी अपेक्षाओं पर खरे उतर पाएँगे।

कवि
speaker

पद्म श्री प्रो. सुभाष काक:

कवि

सुभाष काक भारतीय-अमेरिकी कवि, दार्शनिक और वैज्ञानिक हैं। वे अमेरिका के ओक्लाहोमा प्रान्त में संगणक विज्ञान के प्रोफेसर हैं। वेद, कला और इतिहास पर उनके कई ग्रन्थ प्रकाशित हुए हैं।

speaker

प्रो. राजेश्वरी पंढरीपाण्डे:

कवि

रजेश्वरी पंढरीपाण्डे यूनिवर्सिटी अव इलिनॉय में लिंग्विस्टिक्स, रिलिजन, कम्पैरटिव लिटरेचर, और कैम्पस आनर्स की प्रोफ़ेसर एमेरीटा हैं। उन्हें भारत से संस्कृत साहित्य में तथा यूनिवर्सिटी ओफ़ इलिनॉय से भाषविज्ञान में पी एच डी की डिग्री प्राप्त है। इनकी मौलिक हिंदी कविताओं के दो संकलन प्रकाशित हो चुके हैं - Never is a Long Time और अन्य कविताएँ, तथा काग़ज़ का पंछी और सपनों की नाव।

speaker

डॉ. मनीष श्रीवास्तव:

कवि

डॉ. मनीष श्रीवास्तव जिनकी जन्मभूमि झांसी रही है, एक फार्मास्यूटिकल कम्पनी में तीस साल तक कार्य करने के बाद, अब इंडोनेशिया में रहकर पूर्ण रूप से अपने लेखन व्यस्त हैं। उनके दो उपन्यास, रूही- एक पहेली और मैं मुन्ना हूँ प्रकाशित हो चुके हैं। वर्तमान में वो 10 पुस्तकों की श्रृंखला क्रांतिदूत पर कार्य कर रहे हैं। क्रांतिदूत शृंखला के तीन भाग झांसी फाइल्स, काशी और मित्रमेला पाठकों के समक्ष आ चुकी हैं और काफी सराही जा रही है।

speaker

श्री साकेत सूर्येश:

कवि

साकेत एक कवि, कथाकर और व्यंग्यकार हैं। साकेत हिंदी में व्यंग्य एवं कथा संकलन - एक स्वर, सहस्र प्रतिध्वनियाँ - ले कर आए हैं। साकेत के द्वारा क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा का अंग्रेज़ी अनुवाद द रेवलूशनेरी भी प्रबुद्ध वर्ग द्वारा स्वागत किया गया है।

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श्री सतीश कुमार

कवि

पटना, बिहार में पले-बढ़े सतीश वर्तमान में कैलिफ़ोर्निया निवासी उद्यमी और कवि हैं।

speaker

श्री शिव कुमार निगम:

कवि

शिव कुमार निगम भारतीय उच्चायोग, त्रिनिदाद एवं टोबैगो में हिंदी, शिक्षा एवं संस्कृति के द्वितीय सचिव हैं। भारत सरकार के एलेक्ट्रोनिकी और सूचना प्राद्यौगिकी मंत्रालय की हिंदी पत्रिका स्पंदन के सह सम्पादक रह चुके शिव कुमार निगम वर्तमान में सांस्कृतिक पत्रिका India in T&T के मुख्य सम्पादक हैं।

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डा. ममता त्रिपाठी।

कवि

ममता त्रिपाठी गार्गी महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, के संस्कृत विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं। MA, Mphil, Phd जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से। भारतीय दर्शन, साहित्य एवं साहित्यशास्त्र में शोध निर्देशन। एक पुस्तक 'ध्वनिसिद्धान्त एवं राम की शक्तिपूजा।' विभिन्न विषयों पर शोधपत्र प्रकाशन एवं लेखन। पत्र-पत्रिकाओं में लेख व कविता लेखन। भारतीय दर्शन, काव्यशास्त्र, तुलनात्मक व संगणकीय भाषाविज्ञान, आयुर्वेद में विशेष रुचि।

speaker

श्री आनंद कुमार:

कवि

आनन्द मार्केटिंग एवं मीडिया से स्नातकोत्तर की पढ़ाई के बाद डाटा एनालिटिक्स में काम करते हैं। मार्केट एवं सोशल रिसर्च के अपने काम के अलावा अपने शौक की वजह से भी वो भारत भर में भ्रमण कर रहे होते हैं और कहते हैं कि वो यात्री हैं, पर्यटक नहीं हैं। संयुक्त परिवार में पले-बढ़े आनंद अपने परिवार के साथ पटना में रहते हैं। शिक्षा को जीवन पर्यंत चलने वाली यात्रा मानने वाले आनंद उपशास्त्री हैं तो आजकल संस्कृत से स्नातक के छात्र हैं।

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श्री कुशाग्र अनिकेत:

कवि

बिहार में जन्मे कुशाग्र अनिकेत न्यू यॉर्क, अमेरिका में एक अर्थशास्त्र और प्रबंधन विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं। कुशाग्र ने अर्थशास्त्र, गणित, और सांख्यिकी में स्नातक (BA Hons) की शिक्षा कॉर्नेल विश्वविद्यालय से पूरी की, तत्पश्चात् वे कोलंबिया विश्वविद्यालय से MBA में सर्वोच्च सम्मान से उत्तीर्ण हुए। कुशाग्र तीन भाषाओं (अंग्रेज़ी, हिंदी, एवं संस्कृत) में अपने गद्य और पद्य लेखन के लिए भारत और सयुंक्त राज्य में अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।

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प्रो. नागराज पटूरी

मुख्य अतिथि:

speaker

निशान्त लिम्बाचिया:

सह-संचालक

निशांत लिम्बाचिया मूलतः वड़ोदरा गुजरात के निवासी है। निशांत वड़ोदरा की महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग के स्नातक है और शिकागो की इलिनॉय इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से व्यापार व्यवस्थापन में स्नातकोत्तर है। निशांत कई वर्षों से अपने परिवार के साथ अमेरिका में रहते हैं, स्थानिक हिन्दू संस्थाओं से जुड़े है और अनियमित रूप से समकालीन विषयों पर लेख लिखने का साहस भी कर लेते है। निशांत गत चार वर्षों से इंडिका अमेरिका में सहसंचालक का कार्यभार संभाल रहे हैं।

speaker

अवतंस कुमार:

सह-संचालक

अवतंस एक समीक्षक, स्तम्भकार, और कवि हैं। मूलतः पटना निवासी अवतंस की स्नातकोत्तर शिक्षा भारत के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलिनॉय से हुई। अमेरिका में अवतंस ने कुछ वर्षों तक विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाने का काम भी किया। सम्प्रति, बतौर ट्रस्टी अवतंस इंडिक अकैडमी की अमेरिकी शाखा इंडिका की देख-रेख और सञ्चालन का काम करते हैं।